ये कविता वर्तालाप है मेरे और मेरी आत्मा के बीच| जब मैं अपने वजूद और उपस्थिति के बारे में सोचता हूँ त... ये कविता वर्तालाप है मेरे और मेरी आत्मा के बीच| जब मैं अपने वजूद और उपस्थिति के ...
एकाकीपन हो, शांत वादियों मे ख़ामोश मन हो, मेरे अपने आगोश में। एकाकीपन हो, शांत वादियों मे ख़ामोश मन हो, मेरे अपने आगोश में।
नदी के बिछड़े किनारे पर, बिखरी हुई हो चांदनी, सितारों की छाँव तले, विहार करें हंस नदी के बिछड़े किनारे पर, बिखरी हुई हो चांदनी, सितारों की छाँव तले, विह...
"मैं" और वो "मैं" और वो
पर सब मिल जाये तो आरज़ू किसकी होगी, जिंदगी कितनी बोर होगी जिसमे पाने को कुछ बचा पर सब मिल जाये तो आरज़ू किसकी होगी, जिंदगी कितनी बोर होगी जिसमे पाने ...
एक औरत की परिभाषा जब लिखने बैठी मैं. एक औरत की परिभाषा जब लिखने बैठी मैं.